देश की सुरक्षा पर भी सियासत


भाजपा एवं कांगे्रस द्वारा जारी विज्ञापन
अगर आपको लगता है कि भारत की राजनीतिक पार्टियाँ देश की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी समझती हैं, तो आप बिल्कुल गलत हैं। राजस्थान में चार दिसंबर को चुनाव हैं। मुंबई में हुए आतंकी हमले को भी उन्होंने चुनाव प्रचार का हिस्सा बना लिया है। उन्हें देश की जनता से कोई मतलब नहीं है। सबसे पहले भाजपा ने विज्ञापन जारी करवाया कि `आतंक का काम है मासूमों को मारना, लेकिन लाशें गिनने और झूठे दिलासों के अलावा कुछ और काम नहीं है...´ तो कांगे्रस ने भी तुर्रा मार दिया- `संसद, अक्षरधाम, जम्मूकश्मीर विधानसभा तथा अमरनाथ यात्रियों पर हमले और कंधार प्रकरण का जिम्मेदार कौन?´
देश की राष्ट्रपति को तो चिंता ही नहीं और सरकार की मुखिया को है- पर पार्टी की...
भारत विश्व में पहला ऐसा देश नहीं है, जहां आतंकी हमला हुआ हो, पर हमारे राजनेताओं ने उसे ऐसा पहला देश जरूर बना दिया है जहां आतंकी हमले से सैकड़ों जानें जा रही हों और देश का राष्ट्रपति बाहर जाम छलका रहा हो। अमेरिका तक का संदेश आ गया, पर हमारी राष्ट्रपति को हो सकता है मालूम ही ना हो हमलों के बारे में। नहीं मानते तो परसों के अखबारों में प्रकाशित माननीय राष्ट्रपति महोदया की नीचे दर्शाई गई फोटो देख सकते हैं। दूसरी ओर संप्रग की चेयरपर्सन सोनिया गांधी जरूर चिंतित दिखाई दीं, परन्तु दिल्ली में हो रहे चुनावों के कारण, उन्हें लग रहा था कि शायद यह आतंकी दिल्ली में कुर्सी से दूरी बनाने में विपक्षियों की मदद कर सकता है। मनमोहनसिंह हमारे ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो इस मुद्दे पर भी खुद कुछ बोलने की सूरत में नहीं हैं। इतने बड़े हादसों के बाद भी चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए उन्हें रत्तीभर शर्म का एहसास नहीं होता। शायद होता हो, मुझे नहीं मालूम। फोटो व विज्ञापन जो यहां दिखाए जा रहे हैं। लगभग सभी समाचार-पत्रों में प्रकाशित हो चुके हैं।


जाम छलकातीं राष्ट्रपति महोदया एवं शोकमग्न (!) सोनिया गांधी