तेरी छम-छम पायल छनकी थी...
ऑफिस में चुपचाप बैठे इक लाइन लिखी.... तो यह बन गया....
दिल में स्फूर्ति कम सी थी
गालों की परत भी नम सी थी
मैंने सोचा आंख बुझा लूं
पर दिल बोला बात दबा लूं...
याद में तेरी बोझिल मन था
एक अकेला क्यंू जीवन था
चिडिय़ा की सरगम भी गूंगी
दूर से कुछ आहट सुनती थी...
फिर एक भंवर उड़ा
एक कली खिली
एक फूल बना
चूड़ी खनकी...
दूर कहीं इक कोने में
तेरी छम-छम पायल छनकी थी...
दिल में स्फूर्ति कम सी थी...
गालों की परत भी नम सी थी...
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photo courtsey : www.payal-aditi.deviantart.com |
गालों की परत भी नम सी थी
मैंने सोचा आंख बुझा लूं
पर दिल बोला बात दबा लूं...
याद में तेरी बोझिल मन था
एक अकेला क्यंू जीवन था
चिडिय़ा की सरगम भी गूंगी
दूर से कुछ आहट सुनती थी...
फिर एक भंवर उड़ा
एक कली खिली
एक फूल बना
चूड़ी खनकी...
दूर कहीं इक कोने में
तेरी छम-छम पायल छनकी थी...
दिल में स्फूर्ति कम सी थी...
गालों की परत भी नम सी थी...