आई लव यू पापा
ये वो शब्द हैं, जो कभी बोल नहीं पाया और शायद जिंदगी में कभी बोल भी नहीं पाऊंगा। कई बार घर जाने पर मम्मी की गोद में भले ही सर रख दिया हो, पर पापा की गोद को तो वो अवसर भी नहीं मिला कभी। मम्मी के पेट प
र मुंह रखकर पचासों बार ´फुर्र´ कर दिया, पर पापा को कभी इशारों में भी नहीं जता सके कि हम आपको प्यार करते हैं। उन्होंने कभी पूछा भी नहीं कि यदि तुम मुझे प्यार करते हो, तभी तुम्हारी जरूरतें पूरी होंगी। चाहे वो बाइक के लिए झगड़ा हो या मकान नया बनवाने के लिए। एक बार नई बाइक के लिए झगड़ा करने के बावजूद, कोई और रिश्ता होता तो सुनाई देता- बहुत सर चढ़ गया है, पापा ने लोन की कार्रवाई शुरू कर दी थी। मम्मी पिछले 15 साल से मकान बनवाने को कह रही थी, हम भाईयों के पापा से झगड़ लेने के चौथे महीने मकान का काम शुरू हो गया था।
पापा के ऑफिस के किसी कर्मचारी की मां की मौत के बाद हमने कर्मचारी का नाम पूछ लिया था, पापा ने उसके नाम, पोस्ट से लेकर बचपन में एक बार बिस्कुट का पैकेट देने तक की बात बता दी थी। और मुझे याद है, इससे कुछ ही दिन पहले पापा ने मेरे ऑफिस के मैनेजर का नाम पूछा था, तो मेरा जवाब था- हमारे मैनेजर से आपको क्या मतलब? एक बार ट्रांसफर हो जाने पर पापा ने पूछा था, मेरा अकेले मन नहीं लगता, छुटि्टयां-छुटि्टयां मेरे साथ रह ले वहां। मैंने साफ मना कर दिया था कि मेरा दोस्तों के बिना मन नहीं लगता। उन्होंने दोबारा नहीं पूछा, समस्या तो उनके मन ना लगने की थी।
मुझे याद है, मैं शायद सातेक साल का होऊंगा। पापा मौहल्ले के ही अपने नाई मित्र के पास बैठे होते थे। मैं भागकर जाता और पापा को कहता कि मामाजी आए हैं। पापा मुझे कंधे पर बिठा लेते और रास्ते भर मामाजी क्या लाए, क्यों आए हैं, पूछते आते थे। घर आकर उन्हें पता चलता कि मामाजी तो आए ही नहीं, तो मुझे हंसी आती और वो भी हंस पड़ते। मेरा रोज का रूटीन था यह। पर पापा ने कभी नहीं कहा कि तू झूठ बोलता है। पापा रोज मुझे कंधे पर बिठाकर लाते और रास्ते भर पूछताछ करते और घर आकर बेवकूफ बन जाने पर भी उन्हें मजा आता। कई बार पूछने पर कि इस बार डायबिटीज चैक करवाई, पापा कह देते हैं- बेटा पैसे नहीं थे, अगले महीने करवा लूंगा। और उसी के चौथे दिन मुझे जरूरत पड़ने पर पापा मेरे अकाउंट में बीस-बीस हजार तक जमा करवा देते हैं।
पापा हमें बहुत प्यार करते हैं। आज भी कई बार घर जाने पर जब पापा बेड पर लेटकर टीवी देख रहे होते हैं और मैं फर्श पर बैठ जाता हूं, तो पापा मेरे सर पर हाथ रख देते हैं। चैनल बदलने के चक्कर में मेरी गर्दन हिल जाती है, पापा को लगता है कि उनके हाथ रखने से मुझे समस्या हो रही होगी, पापा अपना हाथ हटा लेते हैं। मैं उन्हें दुबारा नहीं कह पाता कि पापा आप अपना हाथ वापस मेरे सर पर रख दो, मुझे अच्छा लगता है। मैं उन्हें कभी नहीं कह सकता कि पापा आप मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। यह भी नहीं कह सकता कि मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ... आई लव यू पापा।
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एक बहुत पुरानी मेगजीन में पढ़ा था कि बदलती उम्र में एक बेटे के पिता के प्रति क्या खयालात होते हैं। आज फादर्स डे पर जितना कुछ याद था लिखने की कोशिश की-
3 बरस- आई लव यू पापा
5 बरस- आप दुनिया के सबसे अच्छे पापा हो
10 बरस- आप सनकी होते जा रहे हो
15 बरस- क्या आपको मुझ पर विश्वास नहीं
20 बरस- आप मुझसे बिल्कुल प्यार नहीं करते
25 बरस- पापा आप अब मुझे समझने लगे हो
30 बरस- आपने इतने कम वेतन में हम सबको पाला, मैं तो एक बच्चे का बोझ नहीं उठा पा रहा।
35 बरस- बचपन में मैं आपसे बहुत डरता था, पर मेरा बेटा...
40 बरस- आपने लगाम ना कसी होती, तो हम आज यहां नहीं होते।
45 बरस- पापा आपकी याद आती है, आपके सिवाय मुझे कोई नहीं समझ सकता।
50 बरस- आई लव यू पापा, आप वाकई दुनिया के सबसे अच्छे पापा थे...

पापा के ऑफिस के किसी कर्मचारी की मां की मौत के बाद हमने कर्मचारी का नाम पूछ लिया था, पापा ने उसके नाम, पोस्ट से लेकर बचपन में एक बार बिस्कुट का पैकेट देने तक की बात बता दी थी। और मुझे याद है, इससे कुछ ही दिन पहले पापा ने मेरे ऑफिस के मैनेजर का नाम पूछा था, तो मेरा जवाब था- हमारे मैनेजर से आपको क्या मतलब? एक बार ट्रांसफर हो जाने पर पापा ने पूछा था, मेरा अकेले मन नहीं लगता, छुटि्टयां-छुटि्टयां मेरे साथ रह ले वहां। मैंने साफ मना कर दिया था कि मेरा दोस्तों के बिना मन नहीं लगता। उन्होंने दोबारा नहीं पूछा, समस्या तो उनके मन ना लगने की थी।
मुझे याद है, मैं शायद सातेक साल का होऊंगा। पापा मौहल्ले के ही अपने नाई मित्र के पास बैठे होते थे। मैं भागकर जाता और पापा को कहता कि मामाजी आए हैं। पापा मुझे कंधे पर बिठा लेते और रास्ते भर मामाजी क्या लाए, क्यों आए हैं, पूछते आते थे। घर आकर उन्हें पता चलता कि मामाजी तो आए ही नहीं, तो मुझे हंसी आती और वो भी हंस पड़ते। मेरा रोज का रूटीन था यह। पर पापा ने कभी नहीं कहा कि तू झूठ बोलता है। पापा रोज मुझे कंधे पर बिठाकर लाते और रास्ते भर पूछताछ करते और घर आकर बेवकूफ बन जाने पर भी उन्हें मजा आता। कई बार पूछने पर कि इस बार डायबिटीज चैक करवाई, पापा कह देते हैं- बेटा पैसे नहीं थे, अगले महीने करवा लूंगा। और उसी के चौथे दिन मुझे जरूरत पड़ने पर पापा मेरे अकाउंट में बीस-बीस हजार तक जमा करवा देते हैं।
पापा हमें बहुत प्यार करते हैं। आज भी कई बार घर जाने पर जब पापा बेड पर लेटकर टीवी देख रहे होते हैं और मैं फर्श पर बैठ जाता हूं, तो पापा मेरे सर पर हाथ रख देते हैं। चैनल बदलने के चक्कर में मेरी गर्दन हिल जाती है, पापा को लगता है कि उनके हाथ रखने से मुझे समस्या हो रही होगी, पापा अपना हाथ हटा लेते हैं। मैं उन्हें दुबारा नहीं कह पाता कि पापा आप अपना हाथ वापस मेरे सर पर रख दो, मुझे अच्छा लगता है। मैं उन्हें कभी नहीं कह सकता कि पापा आप मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। यह भी नहीं कह सकता कि मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ... आई लव यू पापा।
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एक बहुत पुरानी मेगजीन में पढ़ा था कि बदलती उम्र में एक बेटे के पिता के प्रति क्या खयालात होते हैं। आज फादर्स डे पर जितना कुछ याद था लिखने की कोशिश की-
3 बरस- आई लव यू पापा
5 बरस- आप दुनिया के सबसे अच्छे पापा हो
10 बरस- आप सनकी होते जा रहे हो
15 बरस- क्या आपको मुझ पर विश्वास नहीं
20 बरस- आप मुझसे बिल्कुल प्यार नहीं करते
25 बरस- पापा आप अब मुझे समझने लगे हो
30 बरस- आपने इतने कम वेतन में हम सबको पाला, मैं तो एक बच्चे का बोझ नहीं उठा पा रहा।
35 बरस- बचपन में मैं आपसे बहुत डरता था, पर मेरा बेटा...
40 बरस- आपने लगाम ना कसी होती, तो हम आज यहां नहीं होते।
45 बरस- पापा आपकी याद आती है, आपके सिवाय मुझे कोई नहीं समझ सकता।
50 बरस- आई लव यू पापा, आप वाकई दुनिया के सबसे अच्छे पापा थे...