बधाई वाले कृपया दूर रहें

लो नया साल शुरू हो गया। पूरा विश्व खोया है नव वर्ष की उमंगों में। जयपुर में भी धूम-धाम मची है। पर इन सबके बीच मात्र एक शख्स ऐसा भी है, जो अभी भी अपनी टेंशन में घुसा हुआ है। बार-बार जोर-जोर से चिल्ला रहा है- `बधाई वाले कृपया दूर रहें´, `अरे पूरा पेज तोड़ दिया, दूर हटो´, `कल देना बधाई...´। रात के सवा बारह बजे भी उसका तर्क है- `आधे घंटे बाद आएगा नया साल...´। हमारा भी पूरा ऑफिस एक-दूसरों को बधाई में जुटा हुआ है, वहीं वह शख्स अपने पेज में जुटा हुआ है। नये साल की शुरूआत अखबार जल्दी छोड़कर करना चाहता है। पर ऑफिस के कर्मचारी उसकी राह में रोड़ों की तरह आगे आ रहे हैं। मैं यह पोस्ट लिख रहा हूं, तभी `अरे हट जा मेरे बाप...´ की आवाज की साथ एक बार लिखने का क्रम टूट जाता है। मुझे व मेरे बॉस को हंसी आ जाती है। हमारे इस भाई की जिंदगी में बहुत टेंशन है। वैवाहिक जीवन की शुरूआत अभी तक नहीं हुई है। मैं उन्हें बड़े तनावपूर्ण माहौल में मौखिक बधाई दे चुका हूं और गाली सुन चुका हूं। इस पोस्ट के माध्यम से उन्हें फिर लिखित बधाई देता हूं। सभी ब्लॉगर साथी भी नववर्ष की शुभकामनाएं स्वीकार करें।

पुलिसिये सूंघ-सूंघ के पागल हुए...

आज नए साल के कारण जगह-जगह आयोजन थे। तो जाहिर है, पीना-पिलाना भी चला। लेकिन शामत आई पुलिस वालों की। शराब पीकर गाड़ी चलाना मना। सभी प्रमुख चौराहों पर पुलिस तैनात थी। लेकिन इतने ट्रेफिक में सभी की जांच तो ब्रेथ एनालाइजर से नहीं कर सकते। इसलिए नया तरीका निकाला- पुलिस का जवान वाहन चालक के पास जाता। उसे फूंक मारने को कहता और अपना नाक उसके मुंह के पास लगा देता। शराब चलाते पकड़े कितने आंकड़े तो देर में मिलेंगे, लेकिन इतने जनों को सूंघने के बाद ये पुलिसिये दो-चार दिन कुछ ढंग से सूंघ पाएंगे, संदेहास्पद है। फोटो डेली न्यूज के फोटो जर्नलिस्ट दिलीप जी ने खींची।