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Showing posts from October, 2008

श्रीरामजी आ गए हैं...

जिंदगी `प्योर झंड´ है भाई...

भोत ही चालू लुगाई है...

पूरी रात गूंजा चीत्कार

आठ गुलाबजामुन और ग्यारह लड्डू

सरदार फ्रेंचकट नहीं रखते तो बेचारे अक्षय कुमार का क्या दोष

कहानी पूरी फिल्मी है...

फैसला तो हो चूका ज्योति